लक्सर: हर्षिता। उत्तराखंड में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. पुलिस द्वारा सावधान किए जाने के बावजूद लोग ठगों के झांसे में आ रहे हैं और अपने पैसे गंवा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला हरिद्वार जिले के लक्सर से सामने आया है. यहां एक युवक को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की चपत लगा दी गई.

लक्सर में सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर ठगी: लक्सर में सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर युवक से साढ़े 5 लाख रुपये की ठगी हो गई. न्यायालय के आदेश पर पथरी थाना पुलिस ने चार आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. यह कार्रवाई एसीजेएसडी प्रथम (Additional Civil Judge Senior Division) न्यायालय हरिद्वार के आदेश पर की गई है।

बेरोजगार युवक से ₹5.50 लाख की ठगी: अपनी तहरीर में शिवम ने आरोप लगाया कि वर्ष 2022 में उसकी जान-पहचान ऋषभ तिवारी पुत्र बिजेंद्रनाथ तिवारी निवासी हरिलोक कॉलोनी ज्वालापुर से हुई थी. ऋषभ ने उसे अपने साथी देवेश निवासी भरतपुर, राजस्थान से मिलवाया और कहा कि देवेश सरकारी नौकरी लगवाता है. शिवम का आरोप है कि इन दोनों ने अपने साथी पुनीत कुमार और राजीव कुमार निवासी अटेरना, सरधना, मेरठ उत्तर प्रदेश के साथ मिलकर नौकरी दिलाने के नाम पर उससे अलग-अलग तिथियों में कुल 4,25,000 रुपये ऐंठ लिए. इसके बाद फर्जी ज्वाइनिंग लेटर और आईडी कार्ड देकर 1,25,000 रुपये नगद भी वसूले गए.

ठगों ने दिए फर्जी ज्वाइनिंग लेटर और आईडी कार्ड: शिवम के अनुसार जब वह बताए गए सरकारी विभाग में ज्वाइनिंग करने गया, तो उसे पता चला कि लेटर और आईडी कार्ड फर्जी हैं. पैसे मांगने पर आरोपियों ने जान से मारने की धमकी दी. शिवम कुमार ने इस संबंध में थाना पथरी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार को शिकायत दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद उसने न्यायालय की शरण ली. न्यायालय के आदेश पर पथरी थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. थाना अध्यक्ष मनोज नौटियाल ने बताया कि मामला गंभीर है, पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है और ठगी से संबंधित सबूत जुटाए जा रहे हैं.

लक्सर में इससे पहले भी हो चुकी है ठगी: बता दें कि ये ठगी को कोई पहला मामला नहीं है. इससे पूर्व भी जमीन के नाम पर तहसील में फर्जी दस्तावेजों के जरिए जमीन का सौदा कर एक स्टांप विक्रेता से 2 लाख की ठगी का मामला सामने आया था. पीड़ित की ओर से लगातार शिकायत के बावजूद जब पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो तब न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया था.

स्टांप पेपर विक्रेता से 2 लाख की ठगी हुई थी: उस मामले में पीड़ित पंकज कुमार, निवासी ग्राम प्रतापपुर पेशे से स्टांप विक्रेता था. उन्होंने बताया खेती के लिए जमीन खरीदने के उद्देश्य से उनकी मुलाकात रकम सिंह नाम के व्यक्ति से हुई. जिसने ग्राम महाराजपुर कलां की कृषि भूमि बेचने का प्रस्ताव दिया. रकम सिंह ने अपने साथियों प्रमोद, मनोज और सुमित के साथ मिलकर पंकज को भरोसे में लिया. बताया कि सुमित कुमार उक्त भूमि का असली मालिक है. जमीन पर कोई विवाद नहीं है.

कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ था मुकदमा: पंकज ने 2 लाख की राशि अदा कर सुमित कुमार के नाम रजिस्टर्ड विक्रय विलेख करवा लिया. जिसमें खसरा संख्या 167 और 59 की कुल 0.1854 हेक्टेयर भूमि दर्ज थी. सिर्फ 15 दिन बाद पंकज को पता चला कि उक्त भूमि का वास्तविक स्वामी कोई और है. सुमित कुमार के नाम पर खड़ा किया गया व्यक्ति फर्जी था. आरोपियों ने नकली आधार कार्ड, फोटो और पहचान पत्र का इस्तेमाल कर फर्जी विक्रय प्रक्रिया को अंजाम दिया. जब पंकज ने इस धोखाधड़ी को लेकर आरोपियों से सवाल किए, तो उसे गाली-गलौच और जान से मारने की धमकी दी. इसमें भी न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज हुआ था. न्यायालय के आदेश के अनुपालन में लक्सर पुलिस ने आरोपी प्रमोद, मनोज, रकम सिंह और कथित सुमित कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था. अब नौकरी के नाम पर ठगी का एक और मामला सामने आ गया है.

न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज: थाना अध्यक्ष मनोज नौटियाल ने बताया कि-

नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है. न्यायालय के आदेश पर शिवम कुमार पुत्र सुरेंद्र शर्मा निवासी सहेदवपुर शहवाजपुर, हरिद्वार की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर यह मामला दर्ज किया गया है. मामले की जांच चल रही है.
-मनोज नौटियाल, थाना अध्यक्ष-

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