डी टी आई न्यूज़।पीड़ित ने बताया कि 12 मार्च को उनके मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से कॉल आया। कॉलर ने खुद को उनके ऑफिस में काम करने वाले व्यक्ति का दोस्त बताया। पीड़ित से आरोपी ने कहा कि वह इस समय विदेश में है, भारत में उसकी बहन का इलाज होना है। विदेश में नेटवर्क की वजह से वह बहन को पैसे नहीं दे पा रहा है। यदि संभव हो तो वह बहन के अकाउंट में पैसे डाल दे। भारत आते ही वह फौरन पैसे लौटा देखा। पीड़ित ने कॉलर की व्हाट्सएप डीपी देखी तो कॉलर सही लगा।


पैसे लेकर फोन कर देता था बंद
पीड़ित ने दो बार में आरोपी के खाते में 75 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। रुपये भेजने के बाद उसने दोबारा पैसे मिले या नहीं जानने के लिए उसी नंबर पर कॉल किया, लेकिन नंबर नहीं मिला। पीड़ित ने अब अपने सहकर्मी के दोस्त को कॉल किया तो उसने बताया कि उसने कोई रुपये नहीं मांगे। मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई।

ऐसे पकड़ा गया आरोपी
जिन खातों में रकम ट्रांसफर हुई थी और जिन नंबरों से कॉल हुई। पुलिस ने उसकी जांच की। टेक्निकल सर्विलांस की मदद से पता चला कि बीड, महाराष्ट्र के एक गांव का रहने वाला है। वहां पहुंचने पर पता चला कि पिछले कई सालों से आरोपी अपने घर भी नहीं पहुंचा है।

सीडीआर से उसकी लोकेशन का पता किया गया। जांच में पता चला कि आरोपी जल्दी-जल्दी अपनी लोकेशन बदलकर कभी अहमदाबाद, गोवा तो कभी हैदराबाद आता-जाता रहता है। पुलिस की एक टीम ने उसको ट्रेस करना शुरू किया। बाद में उसे हैदराबाद से दबोच लिया। आरोपी ने बताया कि जुए में भारी नुकसान होने के बाद उसने ठगी शुरू की। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है।

By DTI