नई दिल्ली,एजेंसी,जब भी कोई बीमारी फैलती है या घटना होती है तो अफवाहें फैलाने वाले सरगर्म हो जाते हैं कभी करोना गाइडलाइन को लेकर झूठी खबर आ जाती है तो कभी कोई और आजकल 5G टावर को लेकर तरह-तरह की बातें सामने आ रही है जिस से पर्दा उठाना जरूरी है
इन दिनों सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि दुनियाभर में लोग 5G टेस्टिंग के कारण मर रहे हैं और इसे कोरोना वायरस का नाम दिया जा रहा है। तो आइए जानते हैं इस दावे की सच्चाई…

वायरल हो रहे इस पोस्ट की सच्चाई सामने लाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अपनी वेबसाइट पर विस्तार से जानकारी दे रखी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, 5G मोबाइल नेटवर्क की रेडियो तरंगों से कोविड-19 का संक्रमण नहीं फैलता है, क्योंकि कोरोना वायरस उन देशों में भी फैला है, जिनके पास 5G मोबाइल नेटवर्क नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस मामले से जुड़ा एक वीडियो भी यूट्यूब पर साझा किया है।

बता दें कि संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) की वेबसाइट पर भी वायरल पोस्ट से जुड़ी जानकारी उपलब्ध है। UNICEF ने भी दावा किया है कि 5G को लेकर गलत सूचना फैलाई जा रही है। 5G मोबाइल इंटरनेट से ना ही वायरस फैला है और ना इसके कारण किसी की जान जा रही है।
पीआईबी फैक्ट चेक ने भी 5G टेस्टिंग के कारण हो रही मौत के दावे को फर्जी बताया है। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से जुड़ी लत और एकदम फर्जी सूचनाएं साझा करना काफी खतरनाक हो सकता है। पीआईबी ने लोगों से अपील की है कि इस तरह के किसी भी दावे पर भरोसा नहीं करना चाहिए।
आपको बता दें कि वैज्ञानिकों ने भी इस तरह के फर्जी दावों की निंदा की थी। वैज्ञानिकों के मुताबिक, कोविड-19 और 5-जी तकनीक के बीच कोई संबंध नहीं है और ये जैविक रूप से संभव भी नहीं है।

By DTI