हर्षिता की रिपोर्ट,दिव्या टाइम्स इंडिया।
कुल्लू घाटी में एशिया की महत्त्वाकांक्षी 800 मेगावाट की पार्वती जल विद्युत परियोजना चरण दो में ऊर्जा विकास के लिए बनाई जा रही एशिया की सबसे लंबी 32 किलोमीटर अंडरग्राउंड टनल खुदाई में नए रिकार्ड की ओर अग्रसर है।
लिहाजा पार्वती दो के निर्माण कार्य में आई प्रगति को देखते हुए एनएचपीसी में एक नए युग की शुरुआत होने वाली है। एनएचपीसी कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक प्रोजेक्ट में विदेशी मशीन टीवीएम निर्बाध रूप से दौड़ रही है तथा एशिया की सबसे लंबी भूमिगत 32 किलोमीटर टनल की खुदाई मात्र 60 मीटर शेष बची है।
पार्वती प्रोजेक्ट के ग्रुप महाप्रबंधक निर्मल सिंह ने इसकी पुष्टि की है। जिस कारण पार्वती परियोजना क्षेत्र में जश्न का माहौल है। जब से उक्त अधिकारी ने पार्वती-2 का कार्यभार संभाला है, तब से हाइड्रो प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य निर्बाध रूप से चल रहा है तथा कोई भी बाधा उत्पन्न नहीं हुई। हालांकि उनके सामने चुनौतियों सा पहाड़ था किंतु उनके अथक प्रयासों से शीला गढ़ की बर्फीली पहाडय़िों में रुका काम जोर पकडऩे लगा। -एचडीएम
जून 2024 तक देश को समर्पित करने का टारगेट
प्रोजेक्ट के महाप्रबंधक निर्मल सिंह ने बताया कि पार्वती में प्रगति के लिए एनएचपीसी के इंजीनियर्स, कर्मचारियों, अधिकारियों व मजदूरों का विशेष योगदान रहा है तथा उन्हीं के प्रयासों व मेहनत से यह काम सफल हो रहा है। खुशी की बात यह है कि एनएचपीसी के इंजीनियर वर्ग इस मुकाम पर पहुंचने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहा है। ग्रुप महाप्रबंधक ने बताया कि जून 2024 में पार्वती प्रोजेक्ट को देश के लिए समर्पित करने का टारगेट है।