नई दिल्ली,एजेंसी।चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरे भारत के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान से दोबारा संपर्क नहीं हो सका है। जिसके बाद कहा जा रहा है कि भारत का यह महात्वाकांक्षी अंतरिक्ष मिशन यहीं पर पूरा हो गया है। इससे पहले, तीन  सितंबर 2023 मिशन का सबसे खास हिस्सा प्रज्ञान रोवर गहरी नींद में सो गया था। वहीं इसके अगले दिन चार सितंबर को विक्रम लैंडर स्लीप मोड में चला गया था। इससे पहले, ChaSTE, RAMBHA-LP और ILSA पेलोड ने नई जगह पर इन-सीटू प्रयोग किए थे।

तब एजेंसी ने आगे बताया था कि पेलोड बंद कर दिए गए हैं। वहीं लैंडर रिसीवर चालू रखे गए थे। एक बार सौर ऊर्जा और बैटरी खत्म होने पर विक्रम प्रज्ञान के बगल में सोएगा। तब इसरो ने कहा था कि 22 सितंबर के आसपास उनके जागने की उम्मीद है। हालांकि एजेंसी के पूर्वानुमानों के मुताबिक ऐसा नहीं हुआ। 

स्लीप मोड में जाने का क्या अर्थ है, क्या अब रोवर दोबारा काम करेगा? 
पूर्व में अंतरिक्ष एजेंसी ने स्लीप मोड प्रक्रिया की शुरुआत के दौरान कहा था कि फिलहाल बैटरी पूरी तरह से चार्ज है। सौर पैनल 22 सितंबर को अगले अपेक्षित सूर्योदय पर रोशनी हासिल करने की प्रतीक्षा में है। साथ ही रिसीवर को भी चालू रखा गया है। एजेंसी ने यह भी कहा था कि असाइनमेंट के दूसरे सेट के लिए रोवर के जागने की उम्मीद है। इसी दौरान इसरो ने चंद्रयान-3 के रोवर ‘प्रज्ञान’ के न जागने  की स्थिति में अगले कदम के बारे में भी बताया था। इसरो ने कहा था कि अगर ऐसी स्थिति आएगी तो यह हमेशा के लिए चांद पर भारत द्वारा भेजे गए एक दूत के रूप में वहां रहेगा।

By DTI