चंडीगड़,दिव्या टाइम्स इंडिया।लोकसभा चुनाव 2024 से पहले भाजपा को पंजाब से खुशखबरी मिल सकती है। प्रदेश में खुद को मजबूत करने के लिए भाजपा शिरोमणि अकाली दल (बादल) के साथ गठजोड़ कर सकती है। अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल का श्री अकाल तख्त साहिब परिसर में बेअदबी मामलों में ‘पंथ’ से माफी मांगने से पंजाब
के राजनीति समीकरण बदलने वाले हैं। सूत्रों के मुताबिक सुखदेव सिंह ढींडसा के नेतृत्व वाला शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) 14 जनवरी को श्री मुक्तसर साहिब के माघी मेले में शिरोमणि अकाली दल (बादल) में विलय का ऐलान कर सकता है। अगर इन दोनों दलों का विलय हुआ तो फिर शिरोमणि अकाली दल और भाजपा का गठबंधन होने की पूरी संभावना बन जाएगी क्योंकि सुखदेव सिंह ढींडसा का इस समय भाजपा के साथ गठबंधन है। विलय होने के बाद वही शिअद और भाजपा के गठबंधन के सूत्रधार बनेंगे।
साथ आ सकते हैं सुखबीर-ढींडसा
25 दिसम्बर को दिल्ली के वरिष्ठ अकाली नेता मनजीत सिंह जी.के. ने अपनी जागो पार्टी का अकाली दल (बादल) में विलय करने की घोषणा की थी। इसके अगले ही दिन 26 दिसम्बर को सुखदेव सिंह ढींडसा ने अकाली दल बादल के बारे में पार्टी वर्करों की राय जानने के लिए 5 सदस्यीय कमेटी गठित कर दी थी। इस कमेटी की एक बैठक हो चुकी है जबकि अब पूरे पंजाब में वर्करों से अकाली दल (बादल) के साथ जाने संबंधी उनकी सलाह मांगी जा रही है। कमेटी ने 10 जनवरी तक अपनी रिपोर्ट देनी है जबकि उसके 4 दिन बाद माघी मेले पर अकाली दल (बादल) की राजनीतिक कांफ्रैंस मुक्तसर में होनी है। इस मौके पर सुखदेव सिंह ढींडसा और सुखबीर बादल साथ आ सकते हैं।
भाजपा के साथ गठबंधन में हैं ढींडसा
ढींडसा इस समय भाजपा के साथ गठबंधन में हैं। उन्होंने भाजपा के साथ मिलकर ही पिछला विधानसभा चुनाव लड़ा था, ऐसे में माना जा रहा है कि अकाली दल बादल और भाजपा के गठबंधन में उनकी भूमिका बहुत अहम रहेगी। वहीं इस गठबंधन के सूत्रधार बनेंगे। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच आई.एन.डी.आई.ए. के समझौते के तहत होने वाले संभावित गठबंधन या तालमेल को देखते हुए भी अकाली-भाजपा गठजोड़ को अकाली जरूरी मान रहे हैं।