हरिद्वारःहर्षिता।सनातन परंपराओं में कई अनूठी और रहस्यमयी साधनाएँ हैं, जो गहरे आध्यात्मिक और दार्शनिक संदेश देती हैं। इन्हीं में से एक है श्मशान में होली।
इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, माँ भवानी शंकर नंद गिरी किन्नर महाराज, जो कि प्रथम किन्नर नागा सन्यासी हैं, ने हरिद्वार के खड़खड़ी श्मशान घाट में चिता की राख से होली खेली। इस अवसर पर देशभर से साधक और अनुयायी उपस्थित रहे।
माँ भवानी शंकर नंद गिरी ने बताया कि श्मशान की होली केवल एक अनुष्ठान मात्र नहीं, बल्कि एक गहरा आध्यात्मिक संदेश भी है। यह प्रथा जीवन और मृत्यु के चक्र को समझने और नश्वरता को स्वीकार करने की दिशा में उठाया गया कदम है।