हरिद्वार,हर्षिता। जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह ने एक अहम बैठक के दौरान यूनीफॉर्म सिविल कोड (UCC) पंजीकरण को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि 26 मार्च 2010 के बाद विवाह करने वाले सभी व्यक्तियों को यूसीसी पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है, अन्यथा उन्हें भारी जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है।
क्या है आदेश का मुख्य बिंदु?
30 अप्रैल 2025 तक सभी पात्र सरकारी कार्मिकों को पंजीकरण कराना अनिवार्य।
तय समय सीमा में पंजीकरण पर शुल्क मात्र ₹250 + ₹50 (कॉमन सर्विस सेंटर चार्ज)।
अवधि समाप्ति के बाद जारी होंगे नोटिस, और ₹10,000 तक पेनल्टी लगाई जा सकती है।
अब तक 3912 कार्मिकों ने पंजीकरण कर लिया है, जबकि 1391 अब भी शेष हैं।
जिलाधिकारी ने चेतावनी दी कि 30 अप्रैल के बाद पंजीकरण न कराने वालों को नोटिस भेजा जाएगा। उन्होंने सभी पात्रों से अनुरोध किया कि वे समय रहते इस अवसर का लाभ उठाएं।
जिला योजना की भी हुई समीक्षा:
जिलाधिकारी ने जिला योजना में प्रस्तावित योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि जन प्रतिनिधियों और डीपीसी सदस्यों के साथ समन्वय बनाकर योजनाएं भेजी जाएं। उन्होंने 3 लाख रुपये से कम लागत की योजनाओं को शामिल न करने के निर्देश भी दिए।
बैठक में मौजूद थे:
मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे, नगर आयुक्त रुड़की राकेश चंद्र तिवारी, सीईओ केके गुप्ता समेत कई विभागों के अधिकारी।