मनीषा वर्मा।कल अटलसेना उत्तराखंड के प्रदेश प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी दिनेश उत्तराखंडी ने टिहरी झील के पास बनी अवैध मस्जिद को हटाने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था कि जल्दी ही मस्जिद नहीं हटाई गई तो होगा बड़ा आंदोलन,
मस्जिद को हटाने के लिए सभी हिंदूवादी संगठन एकजुट हो गए।
अवैध मस्जिद टिहरी का यह मामला शुरू हुआ सन-2001 में जब जय प्रकाश कंपनी टिहरी डैम में कार्यरत हुई। तब जय प्रकाश कंपनी में कुछ मजदूर मुस्लिम समुदाय से थे, कंपनी ने उन्हें नमाज अदा करने हेतु एक वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में एक टैंपरेरी मस्जिद बना कर दी, फिर 2004 में कंपनी अपना अनुबंध समाप्त कर चली गई परंतु यह वैकल्पिक मस्जिद हटाई नहीं गई, फिर कुछ समय पश्चात मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने इसे अपने अधीन ले लिया और एक अवैध समिति गठित कर दी, मस्जिद का विस्तार किया गया। हमारे हिंदू धर्म रक्षक तब से संवैधानिक तरीके अपना रहे हैं, सरकार से बात कर रहे हैं, ज्ञापन दे रहे हैं और मुस्लिम समुदाय इस मस्जिद को हस्तांतरित करने की मांग कर रहे हैं जो अल्प संख्यक आयोग भी गये, अब सोचने वाली बात यह है कि जो निर्माण वैकल्पिक हुआ था कंपनी के मजदूरों के लिए और कंपनी भी चली गई तो फिर यह मस्जिद हट क्यों नहीं रही है और अब इसे स्थाई कराने पर जोर क्यों दिया जा रहा है। यह लैंड जिहाद का ऐसा मामला है जिसे जिहादियों ने मजदूरों के रूप में आकर शुरू किया था, और आज हम सबको कानून की कमजोरियों में उलझाने का प्रयास किया जा रहा है। हिंदू संगठनों का कहना है कि हम मर्यादा में रहते हैं तो सब नियमो का पालन हम ही करें यह कैसी व्यवस्था है, जबकि सबको जानकारी है कि गंगा किनारे आरती स्थल होते हैं टिहरी गंगा किनारे हमारे घाट मौजूद हैं, यहां यदि निर्माण करना है तो मंदिरों का करें यहां धर्मघाट बनें और पौराणिक बात जो सबको पता होनी चाहिए टिहरी रियासत में आदि नारायण भगवान बद्रीनाथ की कृपा थी हमने भी देखा है टिहरी डूबने के अंतिम समय तक बद्रीनाथ मंदिर जो नदी किनारे स्थित था, और रियासत का इतिहास देखें तो महाराजा नरेंद्र शाह जी के समय पर भी गंगा मैया ने अपना रास्ता बदला था भगवान बद्रीनाथ की आज्ञा से,
जब इतनी बड़ी विरासत भगवान बद्रीनाथ जी का मंदिर का निर्माण नहीं किया गया तो मजूदरों के द्वारा किए गए लैंड जिहाद को किसका और कैसा संरक्षण मिल रहा है ।
इसी प्रपेक्ष में हिंदू धर्म रक्षकों अक्षत बिजल्वाण जी, पवन शाह जी और साथियों ने धरना भी दिया तथा जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
साथ शिव सिंह असवाल जी (प्रदेश महासचिव अटलसेना)
विजय भाई पहाड़ी (प्रदेश अध्यक्ष अटलसेना) तथा समस्त हिन्दूवादी संगठनों के लोग भी साथ रहे।
प्रशासन को जागना होगा अन्यथा हम अपने धर्मरक्षा के लिए आंदोलन करेंगे।
लगातार हिंदू संगठनों के आवाज उठाने के कारण आज प्रशासन नींद से ज्यादा है और उसने इस अवैध मस्जिद को तोड़ने का कार्य शुरू कर दिया है।