गुरू रविदास महाराज एवं मीरा से संबंधित समृति चिन्ह होंगे श्रद्धा के केन्द्र

  • फगवाड़ा ( परविंदर कौर ) राजस्थान के मेड़ता से 19 नवंबर को शुरु हो रही सांझीवालता यात्रा च्मीरा चली सतगुरु के धामज् श्री गुरु रविदास महाराज की चरण स्पर्श प्राप्त धरती एतिहासिक देहरा श्री गुरु रविदास मंदिर चक्क हकीम फगवाड़ा में 29 नवंबर को पहुँचेगी। इस संबंधी विस्तृत जानकारी देते हुए मंदिर के गद्दी नशीन महंत पुरुषोत्तम दास ने बताया कि इस यात्रा में गुरू रविदास महाराज एवं मीरा बाई से संबंधित ऐतिहासिक चिह्न जिनमें गुरू महाराज का चाँदी का आसन, खड़ांव, मीरा का एक तारा, गुरू साहिब का शंख तथा चतुर्भुज नाथ जी की प्रतिमा जो सत्टगुेख महाराज ने मीरा बाई को दी थी, संगतों की श्रद्धा का केंद्र बनेंगी। यह यात्रा दो दिन राजस्थान व शेष आठ दिन पंजाब के सभी जिलों से होकर विभिन्न एतिहासिक धर्म स्थलों की यात्रा करते हुए 29 नवंबर को देहरा मंदिर चक्क हकीम पहुँचेगी।
  • जहां इस यात्रा का भारी संख्या में श्रद्धालुओं द्वारा पुष्पवर्षा के साथ स्नेहपूर्ण स्वागत किया जायेगा। उन्होंने बताया कि 30 नवंबर से 5 दिसंबर तक गुरु दरबार में सुशोभित इन ऐतिहासिक विरासती चिह्नों के दर्शन दीदार करवाए जाएंगे। रोजाना प्रात:काल से शाम तक धार्मिक दीवान सजाए जाएंगे। जिसमें गुरु महिमा का सुंदर गुणगान होगा। महंत पुरुषोत्तम दास ने बताया कि देहरा श्री गुरु रविदास स्थान चक्क हकीम में सतगुरू रविदास महाराज ने संत कबीर जी के साथ 1485 ई. में 70 दिन तक निवास किया था और अपने हाथों एक बाउली साहिब का निर्माण भी किया। इसी लिए सांझीवालता यात्रा का नाम मीरा चली सतगुरु के धाम रखा गया है। इस अवसर पर अमित आशु, तेजस्वी भारद्वाज, अशोक दुग्गल और रवि कुमार मंत्री आदि उपस्थित थे।

By DTI