हरिद्वार गगन नामदेव । नगर निगम हरिद्वार की एक और करतूत सामने आई हैं ,महाकुंभ 2021 का समापन हुए एक साल के करीब हो चुका है लेकिन कुंभ के दौरान घाटों पर स्थापित किए गए आस्था कलश जब से लगे हैं तब से आज तक उनकी सुध नहीं ली गई है। इन आस्था कलशों को लगाने का मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं के द्वारा छोड़े गए कपड़ों को एकत्र कर उनका रीसायकल करना था।

लेकिन रख रखाव के अभाव में यह आस्था कलश अब कूड़ा घर और मुसीबत घर बनते जा रहे हैं। आलम तो ये है कि आस्था कलश में अब घास व पौधे उगने लगे हैं ओर कई घाटों पर तो यह आलम है कि आस्था कलश मिट्टी के ढेर में दबे पड़े हैं।

इस मामले पर जब मेला अधिकारी व हरिद्वार जिलाधिकारी विनय कुमार पांडेय से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इसकी जिम्मेदारी नगर निगम को दी गयी है। उनकी जिम्मेदारी घाटों में पड़े कूड़े-कचरे के साथ ही आस्था कलश में पड़े हुए कपड़ों को जमा करने की है परंतु जैसा कि आप फोटो में देख सकते हैं कि नगर निगम हरिद्वार द्वारा ऐसा कुछ भी नहीं किया जा रहा और जिस कारण यह कहना गलत नहीं होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ड्रीम प्रोजेक्ट नमामि गंगे और स्वच्छ भारत को पलीदा लगा रहा है नगर निगम हरिद्वार,उदाहरण के तौर पर बातें बड़ी बड़ी और रिजल्ट जीरो !

By DTI