(परविन्दर कौर)जेलों में बंद कैदियों से उनके परिवारों नें मुलाकात करनी हो तो पंजाब प्रशासन कोरोना की दुहाई देता है और कितने तरह के चैटिंग के बाद परिवार के मेंबर अंदर जेल में बंद अपने मेंबर से मिल पाते हैं। पर जब कानून सबके लिए एक है तो फिर चाहे कोई नेता हो सिंगर हो या अभिनेता इनको छूट क्यों क्या इनके लिए कोई भी कानून नहीं है। अगर आप किसी अधिकारी के नजदीकी है। तो आप की चेकिंग नही होगी क्या आपका कोई भी टेस्ट नहीं होगा। और यदि उस दौरान वहां पर कोई वारदात हो जाए तो उसकी जिम्मेदारी फिर किसकी इन सवालों के जवाब जेल प्रशासन दे। क्या यदि कोई जेल अधिकारी का नजदीकी है तो उसको जेलों के अंदर बिना चेकिंग के आने जाने की छूट है जेल ना होकर क्या अंदर कोई पार्क हो गया कि आप घूमने फिरने के लिए जा रहे हैं नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं आये दिन जेलों से मोबाइल और नशे का नेटवर्क सबके सामने है। आए दिन इसके उदाहरण देखने को मिलते हैं। वीरवार को नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए लुधियाना सेंट्रल जेल में पंजाबी सिंगर करण औजला लाव-लश्कर के साथ जेल पहुंच गया। एक दर्जन साथियों के साथ औजला एक घंटे जेल सुपरिंटेंडेंट के कमरे में बैठा। उसके साथ जितने भी लोग थे, सबके पास मोबाइल थे लेकिन चेकिंग नहीं की गई।

वहीं, सुपरिंटेंडेंट ने सिंगर से रिश्ते बताते हुए उसे खाने पर बुलाने की बात कही। उधर, एडीजीपी जेल ने उक्त मामले की गंभीरता से जांच करने को कहा। बताते चलें कि इसी जेल में कुख्यात नशा तस्कर गुरदीप राणों भी बंद है, जिसकी कोठी में सिंगर औजला शूटिंग करता रहा है।
खाने पर बुलाया था, खाना बना नहीं था तो दफ्तर ले गया
सिंगर करण औजला मेरे बेटे का दोस्त है। हमारे घरेलू संबंध हैं। मैंने खाने पर बुलाया था, घर पर खाना बनने में समय लग रहा था। जिसकी वजह से मैं उन्हें ऑफिस ले गया। ऑफिस में आकर वो किसी से नहीं मिला, सिर्फ मेरे साथ ही बैठा वो भी दस मिनट के लिए। जिसके बाद उन्हें घर ले गए थे, जहां खाने के बाद वहीं से चले गए।
तस्कर राणों की कोठी में गानों की शूटिंग की हुई