( परविंदर कौर ) बीते कई दिनों से जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में बड़ा घोटाला होने की आशंका जताई जा रही है वहीं पुलिस द्वारा इंप्रूवमेंट ट्रस्ट दफ्तर से कई अहम दस्तावेज जैसे कि कैश बुक रसीद बुक डिस्पैच एंट्री रजिस्टर गायब होने को लेकर मामला दर्ज किया है मामला ओएसडी टू चेयरमैन व सीनियर सहायक अजय मल्होत्रा और पूर्व चेयरमैन के खिलाफ तथाकथित दर्ज हुआ है कंप्लेंट में पुलिस द्वारा सहायक अजय मल्होत्रा का नाम तो जरूर बताया गया पर पूर्व चेयरमैन कौन है अभी उसका जिक्र नहीं किया गया पूर्व चेयरमैन के नाम का जिक्र ना करना भी एक बड़ा सवाल प्रशासन पर उठाता है कि प्रशासन इस मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है या फिर इस मामले से पर्दा उठाने की जबकि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में पूर्व चेयरमैन दलजीत सिंह आहलूवालिया थे पर पुलिस द्वारा जो मामला दर्ज किया गया है उसमें केवल पूर्व चेयरमैन लिखा गया किसी के नाम का जिक्र नहीं आपको बता दें कि पिछले दिनों डिप्टी कमिश्नर एवं इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के प्रशासक घनश्याम थ्योरी ने इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की गायब हो गई फाइलों के मामले में ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन वह सीनियर सहायक अजय मल्होत्रा पर उचित धाराओं पर मामला दर्ज करने के लिए पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह तूर को पत्र लिखा था एफआरआई के मुताबिक 22 मार्च को विजिलेंस ने जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के दफ्तर में जांच की उन्होंने डिस्पैच रजिस्टर दिनांक 29 / 9/2021 से पहले का कैश बुक रसीद बुक सील फाइलें आदि की मांग की थी संबंधित स्टाफ ने कहा था कि उक्त सारा रिकॉर्ड अजय मल्होत्रा द्वारा चेयरमैन दफ्तर मंगवाया गया है पर वापस नहीं भेजा गया था जांच में रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ होने की आशंका जताई गई है एफआरआई के मुताबिक दोषियों ने कैश बुक और वित्तीय मामलों से जुड़े दस्तावेज गुम करके संस्था को साजिश के तहत नुकसान पहुंचाया है कैश बुक और रिकॉर्ड के बिना लेखा जोखा करना मुमकिन नहीं है ।

जांच के बाद धारा 409 और 420 के तहत मामला दर्ज करने की सिफारिश की गई थी वही पिछले दिनों विजिलेंस द्वारा इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के दफ्तर में रेड की गई थी जिस दौरान सिर्फ 120 फाइलें गुम होने की बात कहीं गई थी बाद में डीसी मामला दर्ज करने के निर्देश के कुछ घंटे बाद ही करीब 70 फाइलें ट्रस्ट के रिकॉर्ड रूम से मिल गई तब दावा था कि 50 फाइलों में से 30 से ज्यादा फाइलें 1 महीने पहले चीफ विजिलेंस अफसर रेड के बाद अपने साथ ले गए थे डीसी एवं ट्रस्ट के प्रशासक घनश्याम थ्योरी ने ईओ परमिंदर सिंह गिल के लिखे पत्र का हवाला देकर पुलिस कमिश्नर को एफआरआई दर्ज करने की सिफारिश की थी इस पत्र में पूर्व चेयरमैन दलजीत सिंह आहलूवालिया के ओएसडी रहे सीनियर सहायक अजय मल्होत्रा को फाइलें गुम होने का जिम्मेदार बताया गया था पर वही जैसे ही यह मामला दर्ज हुआ अजय मल्होत्रा ने कुछ घंटों में ही स्टाफ की मौजूदगी में ट्रस्ट के रिकॉर्ड रूम से 70 फाइलें ढूंढ निकाली थी यह दावा किया गया अजय मल्होत्रा ने कहा कि जिन फाइलों के गुम होने का उन्हें दोषी बताया जा रहा है उसके बारे में ट्रस्ट कार्यालय में ना तो उनसे कोई सवाल किया गया और ना ही उन्हें कोई नोटिस दिया गया बाकी 15 से 20 फाइलें भी दफ्तर से ही मिल जाएंगी मल्होत्रा ने कहा था कि यह उन्हें फंसाने की साजिश है जो कि उनके खिलाफ साजिश करने वालों को ही बेनकाब कर देगी रिकॉर्ड रूम में फाइलें ढूंढने की पूरी वीडियो ग्राफी तक की गई ताकि किसी को इस मामले में कोई भी साजिश रचना का मौका ना मिले वही इससे पहले कहा जा रहा था कि डिप्टी कमिश्नर एवं ट्रस्ट के प्रशासक घनश्याम थ्योरी इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की गुम हुई फाइलों के मामले में कांग्रेसी नेता और ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन दलजीत सिंह आहलूवालिया पर कथित तौर पर उचित धाराओं में केस दर्ज करने की मांग की है और वही उनके साथ ट्रस्ट के सीनियर सहायक अजय मल्होत्रा पर भी केस दर्ज होगा मगर एफआरआई में केवल पूर्व चेयरमैन लिखा गया दलजीत सिंह आहलूवालिया के नाम का कहीं जिक्र नहीं किया गया अब वही सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर वह पूर्व चेयरमैन है कौन जिसके नाम का जिक्र नहीं किया गया वहीं इस मामले में यदि यह घोटाला हुआ है तो कुछ पत्रकारों भी इस मामले में शामिल हैं यह भी आशंका जताई जा रही है बाकी वह तो आने वाले कुछ दिनों में ही पता चलेगा कि आखिर जिस पूर्व चेयरमैन के नाम का जिक्र एफ आर आई में नहीं है वह चेयरमैन कौन है और जिन पत्रकारों के इस मामले से जुड़े होने की आशंका है उनका नाम भी सामने आने की भी संभावना है

By DTI