जालंधर (परविन्दर कौर )आज कल बहुत से लोग कनाडा या अन्य देशों में जाने के लिए हर रोज इमिग्रेशन एजेंटों के जाल में फंस कर लाखों रुपए बर्बाद कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला जालंधर से कनाडा जाने के लिऐ नकोदर रोड के साथ लगते देओल नगर के रहने वाले करनदीप सिंह से जुड़ा हुआ है जिसने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसने कनाडा जाने के लिए जालंधर के मॉडल टाउन में स्थित छिन्मस्तिका ओवरसीज की मालिक शीतल टंडन, चेतन पराशर, डाक्टर शर्मा सहित अन्य लोगों से उक्त कंपनी के दफ्तर में शीतल टंडन से मुलाकात की। जहां उन्होंने उनको कनाडा एंबेसी में अच्छा खासा लिंक होने का कहकर अपनी बातों में फंसा लिया और उस पर विश्वास करते हुए उन्होंने उसको पहले एक लाख रुपए एडवांस और अपना और पत्नी जैफरीन कौर का पासपोर्ट उसे दे दिया । उक्त दोषियों के साथ कैनेडा भेजने की कुल 22 लाख में बातचीत हुई थी। कुछ दिन बाद चेतन ने कहा कि उसका वीजा आ गया है और उन्हें दिल्ली बुलाकर उसने वीजा की कॉपी दिखाई लेकिन उसको पासपोर्ट देने से साफ मना कर दिया लेकिन उसने इस दौरान कहा कि अब वे उनको पहले सारे पैसे दें तभी उनको पासपोर्ट मिलेगा । करनदीप ने शिकायत में यह भी बताया कि उसके माता-पिता बीमार होने की वजह से रुपए इकट्ठा करने में थोड़ी देर हो रही थी लेकिन उन्होंने भारी ब्याज पर पैसे इकट्ठे कर लिए और चेतन प्राशर को दे दिए।
जब उन्होंने शीतल टंडन और चेतन को पैसे दे दिए तो उसने अजीबोगरीब का बहाना बना कर उनको यह कह दिया कि उनके पासपोर्ट गुम हो गए हैं जिसको उसने पासपोर्ट दिया था और वह कहीं भाग गया है उसके बाद उनको चेतन ने ही नए पासपोर्ट बनाने की सलाह दी। फिर उन्होंने पासपोर्ट बनाए और उन्हें मुंबई भेज दिया गया। वह अमृतसर से मुंबई पहुंचे और एक हफ्ते होटल में रहे इस दौरान जब उसका कोई आदमी वहां नहीं पहुंचा तो परेशान होकर वह दोबारा अपने जालंधर घर लौट आए । करनदीप ने कहा कि वह इस दौरान बहुत परेशान हो गए थे क्योंकि उनके घर में माता-पिता बीमार से और उनकी देखभाल करने के लिए कोई भी माजूद नहीं था और वह बार-बार शीतल टंडन और चेतन से संपर्क करने की कोशिश करते रहे लेकिन इस दौरान ना तो चेतन का कुछ पता चला और ना ही उनके पासपोर्ट का । शीतल टंडन उन्हें हर बार दुर्व्यवहार करके धमकाती रही। फिर उन्होंने जब दोबारा चेतन से संपर्क किया तो उन्होने सीधे उससे अपने पैसे वापस मांगे ।

पीड़ित दंपत्ति इतने मजबूर हो गए थे कि इस वजह वे अपने घर जाने के बजाय अपने किसी रिश्तेदार के घर पर जाकर समय बिताते थे। उनका कहना था कि जिनसे उन्होंने पैसे उधार लिए हैं वह अब उनसे अपने पैसे मांग रहे हैं ऐसे में वह जाए तो जाए कहां? वह जब थक हार गए तो उन्होंने इस संबंध में स्थानीय पुलिस को उक्त ट्रैवल एजेंट चेतन और छिन्नमस्तिका ट्रैवल एजेंसी की मालिक शीतल टंडन एवम् अन्य के खिलाफ शिकायत दी । जिसके बाद जालंधर की एडीशनल डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस वत्सला गुप्ता ने इस मामले की जांच शुरू की और जांच के बाद चेतन पराशर जो कि माडल टाउन स्थित छिन्नमस्तिका ओवरसीज इमीग्रेशन ऑफिस में 2017 से 2020 तक काम करता रहा है को दोषी पाया । इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि जांच में शामिल हुए चेतन पराशर ने खुद कबूला है की उसने करणदीप से 14.76 लाख रुपए लिए थे जांच में यह भी सामने आया की चेतन ने करणदीप व उसकी पत्नी जैफ्रीन का वीजा लगाने के लिए दिल्ली वजीराबाद के अल सफर टूर एंड ट्रैवल के अब्दुल को दिया था । फिलहाल जालंधर पुलिस ने इस जांच के बाद उक्त आरोपी चेतन प्रशार निवासी मोहाली और अब्दुल निवासी दिल्ली के खिलाफ पंजाब ट्रैवल प्रोफेशनल रेगुलेशन एक्ट 2014 के अधीन धारा 13 और आई पी सी के अधीन धारा 420 का केस दर्ज कर लिया है ।वहीं अब पुलिस ने जब इस मामले में छिन्मस्तिका ट्रैवल एजेंसी पर लगे आरोपों के बारे में केस दर्ज कर लिया है तो कुछ अधिकारी अब इस मामले में जांच की बात भी कर रहे हैं और जांच के बाद बाकी दोषियों के खिलाफ भी बनती करवाई की जाएगी।

By DTI