दिव्या टाइम्स इंडिया । दो सितंबर को लांच होने जा रहे भारत के पहले सूर्य मिशन आदित्य एल-1 की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। नैनीताल स्थित आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के पास आदित्य मिशन सपोर्ट सेल की अहम जिम्मेदारी है। एरीज के निदेशक डॉ. दीपांकर बनर्जी प्रोजेक्ट प्रभारी और युवा वैज्ञानिक डॉ. वैभव पंत सहायक प्रोजेक्ट प्रभारी की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
सूर्यमिशन से प्राप्त होने वाली जानकारियां और डेटा को यही सपोर्ट सेल खगोल वैज्ञानिकों, युवा शोधार्थियों एवं आम नागरिकों से साझा करेगी। ऐसे में सपोर्ट सेल का काम बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। सपोर्ट सेल के सहायक प्रभारी डॉ. वैभव पंत ने बताया कि यह सपोर्ट सेल इसरो व एरीज का संयुक्त प्रयास है।
सपोर्ट सेल देशभर के विभिन्न वैज्ञानिक संस्थानों में कार्यशालाओं का आयोजन करवा रही है। जिससे कि वैज्ञानिकों व शोधार्थियों को बताया जा सके कि आदित्य मिशन से प्राप्त होने वाला डेटा उन्हें कहां पर मिलेगा। कैसे वह इसका इस्तेमाल अपने शोध कार्यों के लिए कर पाएंगे।
साथ ही मिशन का उद्देश्य व इसके लाभों को लेकर भी शोधार्थियों के साथ चर्चा की जा रही है। 28 सितंबर से दो अक्टूबर तक अंतिम कार्यशाला आईआईटी कानुपर में आयोजित होने जा रही है।
आम नागरिक भी कर पाएंगे डेटा का इस्तेमाल आदित्य मिशन से प्राप्त होने वाला डेटा आम नागरिकों के लिए भी उपलब्ध रहेगा। खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले युवा प्राप्त डेटा के जरिए अपने प्रोजेक्ट तैयार कर पाएंगे। शिक्षण संबंधित कार्यों के लिए भी इस मिशन से प्राप्त होने वाली नवीन खोजों को मुहैया कराया जाएगा।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा अपने हर मिशन के लिए इसी तरह की सपोर्ट सेल तैयार करवाता है। जिसके जरिए वह वैज्ञानिकों, युवा शोधार्थियों एवं आम नागरिकों को खुद से जोड़ने का काम करता है
एरीज में छह लोगों की टीम देख रही काम
सपोर्ट सेल में प्रोजेक्ट इंचार्ज एरीज के निदेशक डॉ. दीपांकर बनर्जी, असिस्टेंट प्रोजेक्ट इंचार्ज डॉ. वैभव पंत शामिल हैं। उनके सहयोग को एरीज के दो सीनियर प्रोजेक्ट एसो., एक पोस्ट जेआरएफ, एक पोस्ट डॉक्टोरल भी काम कर रहे हैं।