दिव्या टाइम्स इंडिया।मोबाइल नंबर श्रीलंका का था और वॉट्सऐप प्रोफाइल पर लड़की का फोटो लगा था. तारीख थी 15 अक्टूबर 2023. वो दिन, जब मेरे वॉट्सऐप पर पहली बार किसी विदेशी नंबर से मैसेज आया. दरअसल, आए दिन लोगों के साथ हो रही ऑनलाइन धोखाधड़ी को देखते हुए हमने साइबर ठगों की पोल खोलने का फैसला किया. मैसेज करने वाले ठग को शक ना हो इसलिए मैसेज का रिप्लाई एक दिन बाद करने का सोचा, लेकिन अगले ही दिन 16 अक्टूबर की सुबह 7 बजे दोबारा मैसेज आया. इस बार पूछा गया कि क्या हमसे बात हो सकती है? जरूरी काम है (Can I talk to you, it’s very important).

‘नमस्ते, मेरा नाम रानी है. मैं किकस्टार्ट लिमिटेड कंपनी से हूं.’ रिप्लाई करने के 30 सेकेंड बाद ही जवाब आ गया. रानी ने हमसे कहा,’किकस्टार्ट कंपनी उन YouTube मर्चेंट्स के लिए काम करती है, जो अपने चैनल या वीडियो को प्रमोट कराना चाहते हैं. वीडियो Like कराने के बदले कंपनी अच्छी रकम अदा करती है.’ रानी ने हमसे पूछा कि क्या हम भी ये काम करना चाहेंगे. हर Video लाइक करने के बदले 50 रुपये मिलेंगे. लालच देते हुए रानी ने दावा किया कि इस पार्ट टाइम काम से दो हजार से लेकर 2,700 रुपये तक रोजाना कमाए जा सकते हैं.


बातों के सिलसिले में हम स्टेप बाय स्टेप आगे बढ़े. हमने इस काम को करने में रुचि दिखाई. अगला मैसेज आया, ‘आपको 3 वीडियो टास्क के तौर पर दिए जा रहे हैं. इन्हें लाइक करने के बाद YouTube चैनल को सब्सक्राइब करना है और इसका स्क्रीनशॉट लेकर हमें वापस भेजना है. टास्क पूरा करने के बाद हमने रानी को स्क्रीनशॉट भेज दिए. अब हमें आखिरी टास्क पूरा करने के लिए कहा गया. एक टेलीग्राम ग्रुप का लिंक देकर रानी ने हमसे उसमें जुड़ने के लिए कहा. जैसे ही हम किकस्टार्ट कंपनी के टेलीग्राम चैनल से जुड़े, रिसेप्शनिस्ट नाम के टेलीग्राम अकाउंट ने हमसे नाम, अकाउंट नंबर, प्रोफेशन और लोकेशन पूछा गया.

दस दिन में पैसे डबल होने का लालच

टेलीग्राम मैसेज के जवाब में हमने सारी जानकारी दे दी, हालांकि नाम और बैंक अकाउंट नंबर छोड़कर हमने सब कुछ गलत ही बताया. यहां ध्यान रहे कि ठगों के इस सिंडिकेट का खुलासा करने के लिए हमने जिस बैंक अकाउंट का इस्तेमाल किया, उसे हम लंबे समय से इस्तेमाल नहीं कर रहे थे. डिटेल शेयर करने के 10 मिनट बाद हमारे खाते में 150 रुपये आ गए. पैसे खाते में आते ही रानी ने हमसे कहा,’अगर और पैसे कमाना चाहते हो तो किकस्टार्ट लिमिटेड कंपनी में इन्वेस्टमेंट करना होगा.’ कितना… पूछने पर हमें बताया गया कि हम 2 हजार रुपये से लेकर 4 लाख रुपये तक इन्वेस्ट कर सकते हैं. हमें बताया गया कि कंपनी की ग्रोथ इतनी ज्यादा है कि जितने भी पैसे हम लगाएंगे, वह 10 दिन के अंदर दोगुने होकर वापस मिलेंगे. इसके अलावा Video लाइक करने के बदले भी पैसे मिलते रहेंगे.


ग्रुप में जुड़ते ही आने लगे लोगों के स्क्रीनशॉट

जिस टेलीग्राम ग्रुप से हमें जोड़ा गया, उसमें करीब 50 लोग पहले से थे. एक के बाद एक सब अपनी कमाई का स्क्रीनशॉट ग्रुप में पोस्ट करने लगे. स्क्रीनशॉट देखकर ऐसा लग रहा था कि उस दिन लोगों ने एक ही दिन में 5 से लेकर 15 हजार रुपये तक कमाए हैं. हालांकि, लगातार इतने लोगों के स्क्रीनशॉट आने से दिमाग में शक भी पैदा हो रहा था. एक तरफ WhatsApp पर रानी तो दूसरी तरफ टेलीग्राम पर रिसेप्शनिस्ट नाम के अकाउंट से लगातार मैसेज आने लगे. दोनों ही हमारे ऊपर इन्वेस्टमेंट का दबाव बना रहे थे.

सर्च करने पर फर्जी निकला कंपनी का नाम
इन्वेस्टमेंट की भारी डिमांड आने के बाद हमने कंपनी के बारे में इंटरनेट पर सर्च किया. सर्चिंग में हमें किकस्टार्ट लिमिटेड नाम की जो कंपनी मिली, वह ब्रिटेन (UK) में रजिस्टर्ड थी. कंपनी के बारे में और डीटेल खंगालने पर पता चला कि ये कंपनी तो इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में काम करती है, ना की प्रमोशन और पब्लिक रिलेशन के फील्ड में. इस बीच लगातार हमारे पास रानी और रिसेप्शनिस्ट अकाउंट से मैसेज आते रहे, लेकिन हमने उनका कोई जवाब नहीं दिया. किकस्टार्ट कंपनी के ठगों के जरिए हमारा नंबर दूसरे ठगों के पास भी पहुंच गया. हमारे पास एक के बाद एक अलग-अलग नंबरों से मैसेजेस की बाढ़ आ गई.

ऑनलाइन ठगी के इस मयाजाल को करीब से देखने पर हमने जाना कि ठग सबसे पहले कुछ यूट्यूब वीडियो लाइक करने के बदले लोगों को 150 से 500 रुपये तक देते हैं. धीरे-धीरे भरोसा बढ़ाकर इन्वेस्टमेंट के नाम पर पैसे मांगते हैं. भरोसा और बढ़ जाए इसलिए 3 से 4 बार (10 हजार के अमाउंट तक) पैसे डबल करके अकाउंट में ट्रांसफर कर देते हैं. भरोसा जीतने के बाद जब कोई शख्स बड़ा अमाउंट इन्वेस्ट कर देता है तो फिर उसके पैसे वापस नहीं मिलते. इस बीच अगर ठगों को शक हो जाए कि सामने वाला पैसे लेने के बाद दोबारा इन्वेस्ट नहीं करेगा तो उससे सिर्फ इन्वेस्ट कराते हैं, रिटर्न नहीं देते.

इन्वेस्ट करने वाले को जिस टेलीग्राम ग्रुप से जोड़ा जाता है, उसमें सभी ठग गैंग के लोग होते हैं. वे हर मिनट ऐसे स्क्रीनशॉट ग्रुप में डालते हैं, जिससे लगे कि इन्वेस्टर्स को बहुत फायदा हो रहा है. इन ठगों का नेटवर्क इतना बड़ा होता है कि पुलिस को भी पता करने में काफी मशक्कत होती है. ठगी के ज्यादातर मामले 2 हजार से लेकर 20 हजार रुपये तक होते हैं. इसलिए अधिकतर लोग पुलिस में शिकायत ही नहीं करते. अगर एक बार भी किसी शख्स का डाटा किसी एक भी ठग के पास चला जाता है तो वे लोग आपस में ही इसे एक-दूसरे से शेयर करते रहे हैं. इसलिए छोटे लालच में पड़कर अपना पर्सनल डेटा देने से बचना चाहिए.

एक हफ्ते में 9 ठगों से वसूल लिए हजारों रुपये

कभी पाकिस्तान, कभी नेपाल, कभी दक्षिण अफ्रीका तो कभी भारत के अंदर से ही लगातार हमारे पास मैसेज आने लगे. दो दिन बाद ही हमने एक नंबर पर रिप्लाई कर दिया. प्रोसेस पुरानी ही थी, लेकिन इस बार कंपनी का नाम किकस्टार्ट नहीं बल्कि विस्टा नोशन था. इस कंपनी ने भी हमारे अकाउंट में 150 रुपये ट्रांसफर किए और फिर पैसे इन्वेस्ट करने की डिमांड करने लगी. एक हफ्ते के अंदर हमने इस तरह के करीब 9 ठगों से 150 से लेकर 900 रुपये तक वसूल लिए. फिर अचनाक 25 सितंबर को हमारे पास टेलीग्राम पर ही इशानिका नाम की ID से मैसेज आया. इशानिका ने अपनी कंपनी का नाम होपर (Hopper) बताया और कहा,’हमारी कंपनी बड़ी-बड़ी होटल्स का पेड रिव्यू कराती है और रिव्यू करने वाले व्यक्ति को प्रति रिव्यू 50 रुपये मिलते हैं.’
साइबर एक्सपर्ट ने किया चौंकाने वाला खुलासा

जब इस बारे में हमनें साइबर एक्सपर्ट डॉ. पवन दुग्गल से बात की तो उन्होंने कई चौंकाने वाली बातें बताईं. उन्होंने कहा,’कोविड के बाद से इस तरह की ठगी बहुत ज्यादा बढ़ गई है, जिसमें छोटे प्रलोभन देकर लोगों से उनका पर्सनल डेटा ले लिया जाता है. ऐसे ठग ज्यादातर राम की टोपी श्याम के सिर और श्याम की टोपी किसी तीसरे के सिर पर पहनाने की कोशिश करते हैं. यानी जब आप इन कंपनियों में छोटा-मोटा इंवेस्ट करते हैं तो इस पैसे को वह किसी दूसरे शख्स के अकाउंट में उनका प्रॉफिट दिखाकर सफर कर देते हैं, ताकि पुलिस केस बनने पर लोग आपस में ही उलझ जाएं.

छोटे प्रलोभनों में पड़ने से सभी को बचना चाहिए

साइबर क्राइम एक्सपर्ट डॉ. दुग्गल ने हमें बताया कि अगर आप अपना अकाउंट नंबर या पर्सनल डेटा ठगों को दे रहे हैं तो अपना सबसे बड़ा नुकसान कर रहे हैं. जब हम इस तरह के किसी ठग को अपनी पर्सनल डीटेल देते हैं तो वह फर्जी ट्रांजेक्शन करने और अकाउंट से पैसे निकालने के अलावा आपको झूठे केस में भी फंसा सकता है. ऐसी कंडीशन में आपके अकाउंट नंबर से कोई ट्रांजेक्शन होता है तो कानून यही मानेगा की उसमें आपकी सहमति थी. अगर ट्रांजेक्शन गैरकानूनी है तो उसकी सजा भी आपको ही भुगतनी पड़ेगी. इसलिए कोशिश करना चाहिए कि इस तरह के छोटे प्रलोभनों में ना पड़ें.

By DTI