सितारगंज, दिव्या टाइम्स इंडिया। मेडिकल रिपोर्ट में बच्ची के साथ दुष्कर्म की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने तीनों नाबालिगों के खिलाफ दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया है। मंगलवार को तीनों बालकों को किशोर न्याय बोर्ड के सामने पेश किया गया।

मंगलवार को कोतवाली में पत्रकारों से वार्ता करते हुए एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने बताया कि बच्ची के मेडिकल परीक्षण में दुष्कर्म की पुष्टि हुई है। एसएसपी ने बताया कि सोमवार को खेलने कूदने की आड़ में 11 वर्षीय कक्षा पांच के छात्र, आठ वर्षीय कक्षा 2 के छात्र,छह वर्षीय कक्षा एक के छात्र ने चार वर्षीय बच्ची के साथ छेड़खानी की।

तीनों बालकों ने जो कृत्य किया है। मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर दुष्कर्म की परिधि में आता है। इसलिए सोमवार को दुष्कर्म के प्रयास के मुकदमे में दुष्कर्म और पॉस्को एक्ट की धाराएं बढ़ा दी गई हैं।

एसएसपी ने कहा कि बच्ची के साथ दुष्कर्म की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पहुंची। महिला पुलिस ने बच्ची के बयान दर्ज किए। सोमवार की देर रात में ही मेडिकल परीक्षण कराया था, जिसमें दुष्कर्म की पुष्टि हुई है।

एसएसपी ने बताया कि बाल कल्याण पुलिस अधिकारी ने तीनों बालकों को परिजनों के साथ संरक्षण में किशोर न्याय बोर्ड के सामने पेश किया। उन्होंने बताया कि बच्ची स्वस्थ है। साइकोलॉजिकल काऊंसिलिंग के लिए चाइल्ड वेलफेयर कमीशन से पत्राचार किया जा रहा है।

मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज किये बाल कल्याण पुलिस अधिका अगला ने परिजनों के साथ संरक्षण में लेकर किशोर न्याय बोर्ड के सामने लेख किया। स्टेटमेंट रिकॉर्ड किए गए। काउंसलिंग के लिए चाइल्ड वेलफेयर कमीशन से पत्राचार कर रहे हैं। बालकों को किशोर न्याय बोर्ड के सामने पेश किया गया है।

यह है प्रकरण

सितारगंज। पीड़ित बालिका की मां ने सोमवार की शाम कोतवाली में तहरीर देकर कहा था कि उसकी चार वर्षीय पुत्री रोजाना की तरह गांव के स्कूल में गई थी। हालांकि छोटी आयु होने के कारण उसका स्कूल में नाम दर्ज नहीं था। सोमवार की सुबह प्रात आठ बजे बालिका विद्यालय गई थी। दो-तीन घंटे बाद बच्ची रोते हुए घर लौट आई।

उसने तीन के नाम लेकर उसकी पिटाई की जानकारी अपनी मां को दी तथा इशारा कर दर्द बताया। मां बेटी की बात नहीं समझ पाई। शाम चार बजे बच्ची ने मां को फिर दर्द की बात बताई तो पता चला कि उसके साथ दुष्कर्म हुआ है। महिला बेटी और परिजनों को लेकर कोतवाली पहुंची। पुलिस को जैसे ही इसकी जानकारी मिली तो रात को ही तीनों बालकों को संरक्षण में ले लिया गया।

बच्ची के परिजनों से मिलीं आयोग की सदस्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्यता सुमन राय मंगलवार को बच्ची के घर पहुंची। उन्होंने परिजनों से मुलाकात कर संवेदना जताई। बाल आयोग की सदस्या विद्यालय पहुंची। वहां स्टॉफ से पूछताछ की। उन्होंने कहा कि विद्यालय का स्टॉफ विद्यालय में निंदनीय घटना होने के बाद भी घटना की जानकारी से इंकार कर रहा था। कहा कि विद्यालय स्टॉफ ने जिम्मेदारियों का निर्वहन सही से नहीं किया।

By DTI