हरिद्वार,डीटीआई न्यूज़।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरकी पैड़ी के सौंदर्यीकरण और जीर्णोंद्धार के मामले में लिखित शिकायत पर जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है। जिलाधिकारी ने सिटी मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में तकनीकी जांच समिति का गठन किया है। जो पंद्रह दिन में अपनी रिपोर्ट तैयार कर जिलाधिकारी को सौंपेगी। जहां से रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
आईओसी के सीएसआर फंड के तहत हरकी पैड़ी के सौंदर्यीकरण और जीर्णोंद्धार के लिए 32 करोड़ प्रशासन को दिए गए थे। आरोप है कि बजट के अनुरूप धरातल पर काम नहीं हुआ। हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के प्रयासों से यह बजट मिला था और निशंक के ड्रीम प्रोजेक्ट में भी हरकी पैड़ी के सौंदर्यीकरण की योजना शामिल थी।
बीते दिसंबर माह में हरकी पैड़ी के औचक निरीक्षण के दौरान डॉ निशंक ने भी पैसों की बर्बादी बताते हुए अफसरों को खासी फटकार लगाई थी। वहीं, आरटीआई कार्यकर्ता रमेश चंद शर्मा ने मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से की। रमेश ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि 32 करोड़ रुपये में जो जो काम कराए जाने थे वे नहीं किए गए।
पैसों की बंदरबांट की गई। गऊघाट पुल पर एक प्रवेश द्वार 16.50 लाख रुपये में बनाया गया है। पुलों का फर्श, रेलिंग, सोलर लाईटें समेत कई काम धरातल पर नहीं कराए गए। आरोप है कि सुभाष घाट पर घटिया स्तर का प्याऊ बनाया गया। पुलों के नीचे यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंगा में चेन नहीं लगाई गई। रमेश ने मुख्यमंत्री से मामले में जांच कर आरोपी अधिकारियों से वसूली करने की मांग की है।
ये था ड्रीम प्रोजेक्ट
डॉ. निशंक का ड्रीम प्रोजेक्ट था कि हरकी पैड़ी पर एक लाख श्रद्धालु एक साथ गंगा आरती का दर्शन कर पाएं। वे ब्रह्मकुंड के दोनों ओर स्टेडियम की तर्ज पर श्रद्धालुओं के लिए बैठने की व्यवस्था चाहते थे। साउंड और लाइट से गंगा अवतरण, गंगा आरती का लाइव प्रसारण हो।