हरिद्वार,हर्षिता,उत्तराखंड में 3 लाख कर्मचारियों को और पेंशनरों को कैशलेस इलाज की सुविधा देने के लिए गोल्डन कार्ड बनाने की प्रक्रिया है अगर यह गोल्डन कार्ड बंद करना है तो पूरे भारत देश में बंद करें सिर्फ उत्तराखंड में ही क्यों करते हैं क्योंकि दोनों तरफ बीजेपी की सरकार है जनहित में किया गया यह कार्य को बंद करके इसमें सुधार तरफ ध्यान देना चाहिए इसे आम आदमी को परेशानी का सामना ना करना पड़े और उत्तराखंड के के हर जिले में जिला अधिकारी महोदय की तरफ से एक मीटिंग होनी चाहिए
जिसमें पब्लिक की राय और सरकारी और गैर सरकारी डिपार्टमेंट ,एनजीओ और नेतागण के साथ एक मीटिंग करनी चाहिए ताकि इसमें सुधार लाया जा सके और पब्लिक हित की जो योजना है उसे बंद करने का विचार जल्दबाजी होगा क्योंकि समाज को इसकी बहुत जरूरत है मोनिक धवन अतिरिक्त अध्यक्ष मुख्य संगठक महानगर कांग्रेस सेवादल हरिद्वार ने कहा गोल्डन कार्ड योजना में बड़े वे छोटे शहरों के समस्त सरकारी वह निजी अस्पतालों को शामिल किया जाए इसमें सुधार सुधार करते हुए इसमें वह ओपीडी कैशलेस सहित सभी संशोधन किए जाएं और जो बाहर दूसरे प्रदेश के अच्छे हॉस्पिटल हैं को भी योजना में शामिल किया जाए ।
देश के गरीब लोग जो आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण अपनी बीमारी के इलाज नहीं करवा पाते हैं और अपनी बीमारी से जूझते रहते हैं उन लोगों के लिए भारत सरकार ने सभी गरीब लोगों के लिए आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड बनाने के आदेश दिए थे इस कार्ड के जरिए वे अपनी बड़ी से बड़ी बीमारी का इलाज मुक्त करा सकते हैं उन लोगों को सरकार ₹500000 तक का स्वास्थ बीमा प्रदान कर रही है और इस योजना के तहत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों लोग इसका फायदा उठा रहे हैं
प्रदेश के कर्मचारियों को हितों को देखते हुए गोल्डन कार्ड योजना बंद न की जाए और इसमें जो खामियां है उसे दूर किया जाए